• 21 Nov, 2024

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ऋग्वेद अनुवाद मण्डल १ सूक्त २

ऋग्वेद अनुवाद मण्डल १ सूक्त २

ऋग्वेद कदाचित् मानवजाति का प्राचीनतम साहित्य हैं। समस्त भारत दर्शन, विश्व के धर्म व साहित्य उनसे अत्यंत प्रभावित हुए हैं किंतु उनका मूल अर्थ हम भारतीय ही भूल गए। यह आधारभूत अर्थ है उनका आध्यात्मिक ज्ञान व अनुभव, उनका मांत्रिक काव्य। इसी गहन बोध को आधुनिक काल में स्वामी दयानंद व उनके पश्चात श्री अरविंद ने पुनः उजागर किया। यहाँ हम उनके विवेचन व भाष्य से प्रेरित अनुवाद व विश्लेषण प्रकाशित कर रहे हैं।

While God Waits

Maya is popularly understood as a synonym of illusion but the term has far greater significance at the spiritual plane.. It is the creative power and its role in our life changes as our consciousness grows...this story illustrates the spell of Maya operative in nature.

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Sans Sanskrit What Is Prakrit?

The ancient Indian understanding of Sanskrit is that it is devbhasha, it comes from a consciousness above the human mentality, where the sounds are not separate from meaning or image, and the grammar, morphology and vocabulary is intimately one with the consciousness...

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ऋग्वेद अनुवाद मण्डल १ सूक्त १

पहले मण्डल के प्रथम सूक्त में अग्नि की विशेषताओं का वर्णन किया गया है। जैसे वे सदा शुभ ही करते हैं। भद्रम शब्द से अर्थ है वे जो सदा मंगल ही करें। इस सूक्त में दोनों भक्ति और ज्ञान योग का प्रादुर्भाव देखा जा सकता है। किस प्रकार मन केंद्रित होकर ऊर्जा से भर जाता है और किस प्रकार ऋषि भक्ति भाव से भरकर अग्नि को नमन करते हैं।

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The Satyameva Dialogues (4)

The Satyameva Dialogues consist of a series of conversations with various teachers and practitioners of Vedanta and spiritual Yoga. The present series is a dialogue on the Bhagavad Gita recorded over a period of several months.

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The Sevenfold Ignorance

The ignorance that besets man is colossal. If we do not recognize the ignorance around us, it is also due to the operation of ignorance. Sri Aurobindo speaks of the sevenfold ignorance, the ignorance to which everyone is heir. 

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